अभी तो वैज्ञानिक भी भारतीय मंत्र विज्ञान की महिमा जानकर दंग रह गये हैं।
शब्दों की ध्वनि का अलग-अलग अंगों पर एवं वातावरण पर असर होता है। कई शब्दों का उच्चारण कुदरती रूप से होता है। आलस्य के समय कुदरती आ… आ… होता है। रोग की पीड़ा के समय ॐ…. ॐ…. का उच्चारण कुदरती ऊँह…. ऊँह…. के रूप में होता है। यदि कुछ अक्षरों का महत्त्व समझकर उच्चारण किया जाय तो बहुत सारे रोगों से छुटकारा मिल सकता है।
‘अ’ उच्चारण से जननेन्द्रिय पर अच्छा असर पड़ता है।
‘आ’ उच्चारण से जीवनशक्ति आदि पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। दमा और खाँसी के रोग में आराम मिलता है, आलस्य दूर होता है।
‘इ’ उच्चारण से कफ, आँतों का विष और मल दूर होता है। कब्ज, पेड़ू के दर्द, सिरदर्द और हृदयरोग में भी बड़ा लाभ होता है। उदासीनता और क्रोध मिटाने में भी यह अक्षर बड़ा फायदा करता है।
‘ओ’ उच्चारण से ऊर्जाशक्ति का विकास होता है।
‘म’ उच्चारण से मानसिक शक्तियाँ विकसित होती हैं। शायद इसीलिए भारत के ऋषियों ने जन्मदात्री के लिए ‘माता’ शब्द पसंद किया होगा।
‘ॐ’ का उच्चारण करने से ऊर्जा प्राप्त होती है और मानसिक शक्तियाँ विकसित होती हैं। मस्तिष्क, पेट और सूक्ष्म इन्द्रियों पर सात्त्विक असर होता है।
‘ह्रीं’ उच्चारण करने से पाचन-तंत्र, गले और हृदय पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
‘ह्रं’ उच्चारण करने से पेट, जिगर, तिल्ली, आँतों और गर्भाशय पर अच्छा असर पड़ता है।
औषधि को एकटक देखते हुए ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का 21 बार जप करके फिर औषधि लेने से उसमें भगवद चेतना का प्रभाव आता है और विशेष लाभ होता है।
रात्रि को नींद न आती हो या बुरे स्वप्न आते हों तो सोते समय 15 मिनट भगवन्नाम या
हरिनाम का जप (हरि ॐ….. हरि ॐ…. इस प्रकार गुंजन) करें। फिर ‘शुद्धे-शुद्धे महायोगिनी महानिद्रे स्वाहा।’ इस मंत्र का स्मरण करें। स्मरण करते करते अवश्य अच्छी नींद आयेगी।
तुलसी भरोसे राम के निश्चिंत होई सोय।
अनहोनी होनी नहीं, होनी होय सो होय।।
चिंतित व्यक्ति को अच्छी तरह इसका मनन करना चाहिए। किसी बीमारी के कारण नींद न आती हो तो प्रातः ‘पानी प्रयोग’ करें (आधा से सवा लीटर पानी पीयें) और उपरोक्त प्रयोग करें, अवश्य अच्छी नींद आयेगी। इससे बुरे सपने आने भी बंद हो जायेंगे। फिर भी बुरे सपने आते हों तो सिरहाने के नीचे तीन मोरपंख रखने से भी लाभ होता है।
वृद्ध लोगों को यदि नींद नहीं आती तो रात को बिस्तर पर बैठकर ॐकार का ओ…..म् ऐसा प्लुत उच्चारण करें। फिर जितना समय उच्चारण में लगाया, उतना ही समय चुप हो जायें। ऐसा 10-15 मिनट करें, फिर सीधे सो जायें। ‘नींद नहीं आती’ यह भूल जायें। नींद आये चाहे न आये, उसकी फिक्र छोड़ दें थोड़े ही दिनों में कम नींद आने की शिकायत दूर हो जायेगी और यदि ज्यादा नींद आती होगी तो नपी तुली हो जायेगी। बुरे स्वप्न दूर हो जायेंगे और रात भर भक्ति करने का फल मिलेगा। युवान और बच्चे ‘ॐ हरये नमः।’ मंत्र का जप करके सोयें तो बुरे विचार और बुरे स्वप्न धीरे-धीरे छू होने लगेंगे।
दिन में श्री गुरूगीता का पाठ एवं ‘ॐ हंसं हंसः।’ इस मंत्र का 21 बार जप करके पानी में देखें और उसे पी लें। इससे बेचैनी दूर होगी।
यदि कोई शिशु रात को चौंकता है, उसे नींद नहीं आती, माँ को जगाता है, परेशान रहता है तो उसके सिरहाने के नीचे फिटकरी रख दें। इससे उसे बढ़िया नींद आयेगी।
(धनात्मक ऊर्जा बनाने वाला फिटकरीयुक्त ‘वास्तुदोष निवारक’ प्रसाद आश्रम से निःशुल्क मिलता है। उसे शिशु के सिरहाने के नीचे रखें। उसे अपने घर के कमरों में पश्चिम् दिशा में रखने से ग्रहबाधा की निवृत्ति और सुख शांति में वृद्धि होती है।)
स्रोतः लोक कल्याण सेतु, नवम्बर 2010, पृष्ठ संख्या 3,4 अंक 161
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
You must be logged in to post a comment.